मैं और मेरे रूममेट्स
मैं और मेरे रूममेट्स अक्सर यह बातें करते हैं... घर साफ़ होता तो कैसा होता मैं किचन साफ़ करता,तुम बाथरूम धोते मैं हॉल साफ़ करता, तुम बालकनी देखते लोग इस बात पे हैरान होते और उस बात पे हँसते.... मैं और मेरे रूममेट्स , अक्सर यह बातें करते हैं !!! यह हरा भरा सींक है या बर्तनों की जंग छिड़ी हुई है यह कलरफ़ुल किचन है या मसालों से होली खेली है है फ़र्श की नयी डिज़ाइन या दूध, बीयर से धुली हुई हैं यह सेलफ़ोन है या ढक्कन, स्लीपींग बैग या किसीका आँचल, ये एयरफ़्रेशनर का नया फ़्लैवर है, या कचरे के डब्बे से आती बदबू यह पत्तियों की है सरसराहत की हीटर फ़िर से खराब हुआ है यह सोचता हैं रूममेट कब से गुम सुम - के जब के उसको भी यह खबर है के मच्छर नही है, कहीं नही है मगर उसका दिल है कि कह रहा है मच्छर यहीं है, यहीं कहीं है ! तोंद की ये हालत, मेरी भी है, उसकी भी, दिल में एक तस्वीर इधर भी है, उधर भी !!! करने को बहुत कुछ है मगर कब करें हम कब तक यूं ही इस तरह रहें हम दिल कहता है सेफ़वे से कोई वेक्युम क्लीनर ला दे ये कारपेट जो जीने को जुझ रहा है, फ़िकवा दे हम साफ़ रह सकते है, लोगों को बता दें, हाँ हम रूममेट्स है - रूममेट्स ह...