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Showing posts from June, 2007

बाथरूम सिंगर

लड़का: चलो किसी वीरान जगह चलते हैं! लडकी: तुम ऐसी-वैसी हरकत तो नही करोगे? लड़का: बिल्कुल नही! लडकी: तो फिर रहने दो... रावण को अदालत में गीता पर हाथ रखना को कहा गया. उसने मना कर दिया बोला: सीता पर हाथ रख कर इतनी मुसीबत आयी! अब गीता... नहीं... अगर आप बस पे चढे... या फिर बस आप पे चढे... दोनो मर्तबा टिकिट आपका ही काटता है एक औरत दुसरी से: जब तेरा तलाक हुवा था तब तो एक ही बच्चा था और अब ३ कैसे? दुसरी बोली: वो कभी कभी माफ़ी मँगाने आ जाते थे... तुम्हारी गर्ल फ्रेंड का एसएमएस मिला है, कहती है कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाना को, इक्कीसवी सदी है बम से उड़ा दो साले को. एक महल बनाने के लिए हज़ारो मजदूर लगते है... लाखो सैनिक देश की रक्षा के लिए, पर सिर्फ एक औरत घर को खुशहाल बनाने के लिए! आईये धन्यवाद दे... कामवाली को लड़का: तुम गाना बहुत अच्छा गाती हो. लडकी: नहीं, में तो सिर्फ बाथरूम सिंगर हूँ. लड़का: तो बुलाओ ना कभी, महफिल जमाते हैं. बॉस ग़ुस्से में: तुमने कभी उल्लू देखा है? कर्मचारी (सर झुकाते हुए): नहीं सर . बॉस: नीचे क्या देख रहे हो ? मेरी तरफ देखो.

मीटर बंद कर

वो बोले "महफिल में कहीँ हमारे जूते खो गए अब हम घर कैसे जायेगे", हमने कहा "आप शायरी शुरू कर दीजिए इतने आयेगे की फिर गिन नही पायेंगे" एक नया जोड़ा शादी के बाद आशीर्वाद लेने के लिए नेता के पास गया. नेता बोला "हम आशीर्वाद नही देते... सिर्फ उदघाटन ही करते हैं" टैक्सी ड्राइवर मारवाड़ी पस्सेंजर से : "सर गाडी के ब्रेक फेल हो गए है अब क्या करु.?" मारवाड़ी : "हरामखोर, पहले मीटर बंद कर..."

५ साल बाद

शादी के बाद... अभी शादी का पहला ही साल था, ख़ुशी के मारे मेरा बुरा हाल था, खुशियाँ कुछ यूं उमड़ रहीं थी, की संभाले नही संभल रही थी.. सुबह सुबह मैडम का चाय ले कर आना थोडा शरमाते हुये हमें नींद से जगाना, वो प्यार भरा हाथ हमारे बालों में फिरना, मुस्कुराते हुये कहना की... डार्लिंग चाय तो पी लो, जल्दी से रेडी हो जाओ, आप को ऑफिस भी है जाना... घरवाली भगवान का रुप ले कर आयी थी, दिल और दिमाग पर पूरी तरह छाई थी, सांस भी लेते थे तो नाम उसी का होता था, इक पल भी दूर जीना दुश्वार होता था... ५ साल बाद........ सुबह सुबह मैडम का चाय ले कर आना, टेबल पर रख कर जोर से चिल्लाना, आज ऑफिस जाओ तो मुन्ना को स्कूल छोड़ते हुए जाना... सुनो एक बार फिर वोही आवाज आयी, क्या बात है अभी तक छोड़ी नही चारपाई, अगर मुन्ना लेट हो गया तो देख लेना, मुन्ना की टीचर्स को फिर खुद ही संभाल लेना... ना जाने घरवाली कैसा रुप ले कर आयी थी, दिल और दिमाग पर काली घटा छाई थी, सांस भी लेते हैं तो उन्ही का ख़याल होता है, अब हर समय जेहन में एक ही सवाल होता है... क्या कभी वो दिन लौट के आएंगे, हम एक बार फिर कुंवारे हो जायेंगे.... ...!